Ayodhya Verdict Today Live News Updates: विवादित जमीन राम लला की, मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन अयोध्या में ही मिलेगी, सुप्रीम कोर्ट का फैसला
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने इस फैसले में विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को देने का फैसला किया है यानी विवादित जमीन राम मंदिर के लिए दे दी गई है. जबकि मुस्लिम पक्ष को अलग स्थान पर जगह देने के लिए कहा गया है. यानी सुन्नी वफ्फ बोर्ड को कोर्ट ने अयोध्या में ही अलग जगह जमीन देने का आदेश दिया है. मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार से तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने यह फैसला सर्वसम्मति से दिया है.
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Ayodhya Verdict Today Live News
रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनाया फैसला। इससे पहले, संविधान पीठ ने अयोध्या में 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीन पक्षकारों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान में बराबर-बराबर बांटने के हाईकोर्ट के सितंबर, 2010 के निर्णय के खिलाफ दायर अपीलों पर 40 दिन तक सभी पक्षों की दलीलें सुनी।
अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने कहा कि विवादित जमीन रामलला की है। कोर्ट ने मंदिर निर्माण का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि ट्रस्ट बनाकर सरकार की ओर से मंदिर निर्माण करवाया जाए। साथ ही कहा कि मुस्लिम पक्ष को कहीं और जमीन दी जाए।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ा। गोगोई ने बताया कि कोर्ट ने 1946 के फैजाबाद कोर्ट के फैसले के खिलाफ शिया वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल स्पेशल लीव पेटिशन को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की बातों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने कहा कि पुरातात्विक साक्ष्यों को महज राय बताना एएसआई के प्रति बहुत अन्याय होगा।
कोर्ट ने कहा, एएसआई यह नहीं बता पाया कि क्या मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। एएसआई ने इस तथ्य को स्थापित किया कि गिराए गए ढांचे के नीचे मंदिर था।
कोर्ट ने कहा कि एएसआई की रिपोर्ट में इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी। विवादित स्थल पर एक ढांचा था। दबा हुए स्ट्रक्चर कोई इस्लामिक ढांचा नहीं था। न्यायालय ने कहा, राम जन्मभूमि एक न्याय सम्मत व्यक्ति नहीं। कोर्ट ने कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं कि मुस्लिमों ने मस्जिद को छोड़ दिया। हिंदू हमेशा यह मानते रहे कि राज का जन्मस्थान मस्जिद के अंदरूनी हिस्से मे है। साफ होता है कि मुस्लिम अंदरूनी हिस्से में जबकि हिंदू बाहरी हिस्से में प्रार्थना करते थे।
उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में शिया वक्फ बोर्ड की अपील खारिज कर दी। संविधान पीठ ने कहा कि राजस्व रिकार्ड के अनुसार यह सरकारी जमीन है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने विवादित ढांचे पर अपना दावा करने की शिया वक्फ बोर्ड की अपील सर्ससम्मति से खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि राजस्व रिकार्ड के अनुसार यह सरकारी जमीन है। उच्चतम न्यायालय ने निर्मोही अखाड़ा राम लला की मूर्ति का उपासक या अनुयायी नहीं है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि निर्मोही अखाड़े का दावा कानूनी समय सीमा के तहत प्रतिबंधित है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि केंद्र सरकार तीन महीने में स्कीम लाए और ट्रस्ट बनाए. यह ट्रस्ट राम मंदिर का निर्माण करेगा.
रामजन्मभूमि न्यास को मिलेगी विवादित जमीन
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ा। गोगोई ने बताया कि कोर्ट ने 1946 के फैजाबाद कोर्ट के फैसले के खिलाफ शिया वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल स्पेशल लीव पेटिशन को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की बातों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने कहा कि पुरातात्विक साक्ष्यों को महज राय बताना एएसआई के प्रति बहुत अन्याय होगा।
कोर्ट ने कहा, एएसआई यह नहीं बता पाया कि क्या मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। एएसआई ने इस तथ्य को स्थापित किया कि गिराए गए ढांचे के नीचे मंदिर था।
कोर्ट ने कहा कि एएसआई की रिपोर्ट में इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी। विवादित स्थल पर एक ढांचा था। दबा हुए स्ट्रक्चर कोई इस्लामिक ढांचा नहीं था। न्यायालय ने कहा, राम जन्मभूमि एक न्याय सम्मत व्यक्ति नहीं। कोर्ट ने कहा कि इस बात के कोई सबूत नहीं कि मुस्लिमों ने मस्जिद को छोड़ दिया। हिंदू हमेशा यह मानते रहे कि राज का जन्मस्थान मस्जिद के अंदरूनी हिस्से मे है। साफ होता है कि मुस्लिम अंदरूनी हिस्से में जबकि हिंदू बाहरी हिस्से में प्रार्थना करते थे।
उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में शिया वक्फ बोर्ड की अपील खारिज कर दी। संविधान पीठ ने कहा कि राजस्व रिकार्ड के अनुसार यह सरकारी जमीन है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने विवादित ढांचे पर अपना दावा करने की शिया वक्फ बोर्ड की अपील सर्ससम्मति से खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि राजस्व रिकार्ड के अनुसार यह सरकारी जमीन है। उच्चतम न्यायालय ने निर्मोही अखाड़ा राम लला की मूर्ति का उपासक या अनुयायी नहीं है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि निर्मोही अखाड़े का दावा कानूनी समय सीमा के तहत प्रतिबंधित है।
महीने के अंदर ट्रस्ट बनाए सरकार
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि केंद्र सरकार तीन महीने में स्कीम लाए और ट्रस्ट बनाए. यह ट्रस्ट राम मंदिर का निर्माण करेगा.
रामजन्मभूमि न्यास को मिलेगी विवादित जमीन
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Ayodhya Verdict Today Live News Updates: विवादित जमीन राम लला की, मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन अयोध्या में ही मिलेगी, सुप्रीम कोर्ट का फैसला
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सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे पुराने केस में ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है. इस फैसले में कोर्ट ने विवादित जमीन का हक रामजन्मभूमि न्यास को दिया है. जबकि मुस्लिम पक्ष यानी सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही दूसरी जगह जमीन देने का आदेश दिया है.
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मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक जमीन
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक जमीन दी जाए. यानी कोर्ट ने मुस्लिमों को दूसरी जगह जमीन देने का आदेश दिया है.
मुस्लिम पक्ष को मिलेगी 5 एकड़ जमीन
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि विवादित जमीन पर रामजन्मभूमि न्यास का हक है. जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन किसी दूसरी जगह दी जाएगी. कोर्ट ने कहा कि केंद्र या राज्य सरकार अयोध्या में उचित स्थान पर मस्जिद बनाने को जमीन दे.
आस्था के आधार पर मालिकाना नहीं- कोर्ट
कोर्ट ने फैसले में कहा कि आस्था के आधार पर जमीन का मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता. साथ ही कोर्ट ने साफ कहा कि फैसला कानून के आधार पर ही दिया जाएगा
मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की पुख्ता जानकारी नहीं
कोर्ट ने ASI रिपोर्ट के आधार पर अपने फैसले में कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की भी पुख्ता जानकारी नहीं है.
निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अखाड़े का दावा लिमिटेशन से बाहर है.
1949 में रखी गईं मूर्तियां
अयोध्या पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई फैसला पढ़ते हुए इस दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि 1949 में मूर्तियां रखी गईं.
फैसले की कॉपी पर जजों ने किए दस्तखत
कोर्ट रूम में फैसले की कॉपी लाई गई, जिसके बाद फैसले की कॉपी पर सभी जजों ने दस्तखत किए.
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कोर्ट रूम में सभी पक्षकार मौजूद
अयोध्या पर फैसला आने वाला है, जिससे पहले कोर्ट रूम खचाखच भरा है. सभी पक्षकार भी कोर्ट में मौजूद हैं.
सुप्रीम कोर्ट इलाके में धारा 144
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मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक जमीन
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मुस्लिम पक्ष को वैकल्पिक जमीन दी जाए. यानी कोर्ट ने मुस्लिमों को दूसरी जगह जमीन देने का आदेश दिया है.
मुस्लिम पक्ष को मिलेगी 5 एकड़ जमीन
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि विवादित जमीन पर रामजन्मभूमि न्यास का हक है. जबकि मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन किसी दूसरी जगह दी जाएगी. कोर्ट ने कहा कि केंद्र या राज्य सरकार अयोध्या में उचित स्थान पर मस्जिद बनाने को जमीन दे.
आस्था के आधार पर मालिकाना नहीं- कोर्ट
कोर्ट ने फैसले में कहा कि आस्था के आधार पर जमीन का मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता. साथ ही कोर्ट ने साफ कहा कि फैसला कानून के आधार पर ही दिया जाएगा
मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की पुख्ता जानकारी नहीं
कोर्ट ने ASI रिपोर्ट के आधार पर अपने फैसले में कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की भी पुख्ता जानकारी नहीं है.
निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अखाड़े का दावा लिमिटेशन से बाहर है.
1949 में रखी गईं मूर्तियां
अयोध्या पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई फैसला पढ़ते हुए इस दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि 1949 में मूर्तियां रखी गईं.
फैसले की कॉपी पर जजों ने किए दस्तखत
कोर्ट रूम में फैसले की कॉपी लाई गई, जिसके बाद फैसले की कॉपी पर सभी जजों ने दस्तखत किए.
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कोर्ट रूम में सभी पक्षकार मौजूद
अयोध्या पर फैसला आने वाला है, जिससे पहले कोर्ट रूम खचाखच भरा है. सभी पक्षकार भी कोर्ट में मौजूद हैं.
सुप्रीम कोर्ट इलाके में धारा 144
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Ayodhya Verdict Today Live News Updates: विवादित जमीन राम लला की, मुस्लिम पक्ष को 5 एकड़ जमीन अयोध्या में ही मिलेगी, सुप्रीम कोर्ट का फैसला |
अयोध्या पर फैसला आने से पहले सुप्रीम कोर्ट के बाहर सुरक्षा बढ़ाई गई है. साथ ही पूरे इलाके में धारा 144 भी लागू कर दी गई है.
40 दिन लगातार चली सुनवाई
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अयोध्या केस में 40 दिनों तक लगातार सुनवाई की. यह सुनवाई 6 अगस्त से शुरू हुई थी, जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. और आज 9 नवंबर को फैसला सुना दिया